झारखंड के देवघर में स्थित बाबा वैद्यनाथ मंदिर मामले में दर्ज एफआईआर को लेकर गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे भड़के हुए हैं. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा है कि बाबा बैद्यनाथ जी के मंदिर में मुस्लिम पूजा करे तो कोई धार्मिक भावना नहीं आहत होती है लेकिन अगर हम 110 किलोमीटर नंगे पैर कांवर लेकर गंगाजल चढ़ाते हैं तो धार्मिक भावनाएं भड़क जाती है. ये कैसी व्यवस्था है. मैं संसद से सड़क तक लड़ाई करते रहूंगा और इस सरकार को समूल उखाड़ फेकूंगा.
बीजेपी सांसद ने एक्स पर लिखा, ”बाबा बैद्यनाथ जी के मंदिर में मुस्लिम पूजा करे कोई धार्मिक भावना नहीं आहत होती है लेकिन यदि हम 110 किलोमीटर नंगे पैर कॉंवर लेकर गंगाजल चढ़ाते हैं तो धार्मिक भावनाएं भड़कता है और FIR मेरे खिलाफ, सांसद मनोज तिवारी जी के खिलाफ और मेरे पुत्र के खिलाफ हो जाता है, धारा वही है जो अकबरुद्दीन के उपर लगी थी कि 10 मिनट में हिंदू ख़त्म?”
बीजेपी सांसद ने गिरफ्तारी को लेकर क्या कहा?
उन्होंने ये भी बताया, पुलिस का कहना है कि एफआईआर को उन्होंने एमपी-एमएलए कोर्ट में भेजा है. अभी वहां स्वीकार नहीं हुआ है. जब एफआईआर स्वीकार होगा तो जो धाराएं लगाई गईं हैं. उसके आधार पर इनको सेक्शन 41 का नोटिस देना है. उसके बाद अगर गिरफ्तारी की कोई संभावना बनेगी तो गिरफ्तारी होगी.”
मैं भगोड़ा नहीं हूं- निशिकांत दुबे
निशिकांत दुबे ने कहा, ”मैं भगोड़ा नहीं हूं. मैं यहां का सांसद हूं. यहां की जनता ने मुझे चार बार चुनाव जिताया है. मेरे और मेरी पत्नी के ख़िलाफ़ ये 51वां मामला है। इस मामले में मेरे बड़े बेटे, मेरे भाई, पिता और मां के ख़िलाफ़ भी एफ़आईआर दर्ज की गई है. मैं इस मामले से दुखी हूं. प्रशासन जितनी बार मेरे ख़िलाफ़ मुक़दमे दर्ज करेगा, मैं उतनी बार गिरफ्तारी देने आऊंगा अगर क़ानून में कोई प्रावधान है, तो पुलिस मुझे गिरफ़्तार करे.”
केस दर्ज करने का आधार क्या है- निशिकांत दुबे
उन्होंने आगे कहा, ”मैं सांसद हूं और कानून ने मुझे संविधान की धारा 105 के तहत कुछ सुरक्षा दी हुई है. मेरे पास प्रिविलेज का जो अधिकार है, बोलने का जो अधिकारी है, उसमें मैंने यहां के चीफ सेक्रेटरी को, डीजीपी के ऊपर, डीसी के ऊपर और यहां के एसपी के ऊपर एफआईआर हमने प्रिवलेज किया है. इस एफआईआर के खिलाफ उस प्रिविलेज की सुनवाई पार्लियामेंट में सोमवार को होगी. उसके बाद इनलोगों को दिल्ली में ही पूछा जाएगा कि किस आधार पर आपने केस दर्ज किया.”
‘गौ तस्कर से मेरे ऊपर एफआईआर हो जाता है’
गोड्डा से बीजेपी सांसद ने कहा, ”आप ये समझिए, मैं गौ तस्कर को पकड़ता हूं. गौ तस्कर से एफआईआर मेरे ऊपर हो जाता है. कानून ये कहता है कि गया यहां से नहीं ले जा सकते हैं. मैं सुरक्षा कमेटी का इंचार्ज हूं. आरएसएस के विभाग प्रचाकरक पकड़ाते हैं, मैं उन्हें बचाने के लिए जाता हूं, मेरे ऊपर एफआईआर हो जाती है. मेरा परिवार कोई चीज डीआरटी से नीलामी में खरीदता है, उसके ऊपर 4 एफआईआर हो जाती है. कोई आदमी मेरे ऊपर एफआईआर करता है, जैसे मैंने आप जैसे किसी पत्रकार का जमीन लिया तो जमीन वाला केस नहीं करेगा. जो दूसरा आदमी है वो केस कर देगा. इस तरह से अगर फिल्मी ग्राउंड पर एफआईआर हो तो क्या कहेंगे.”
मंदिर का मैं ट्रस्टी हूं- निशिकांत दुबे
उन्होंने कहा, ”बाबा वैद्यनाथ मंदिर का मैं ट्रस्टी हूं. उस एफआईआर के हिसाब से मैंने किसी पुलिस वाले को धक्का दिया होगा. पुलिस वाले एफआईआर नहीं कर रहै, मजिस्ट्रेट वहां का होगा, वो एफआईआर नहीं कर रहा. एक आम आदमी जिसको कोई यजमान नहीं है, अवैध आदमी, वो गर्भगृह में अंदर घुसा हुआ है. पंडा धर्मरक्षिणी का वो पदाधिकारी भी नहीं है. एक अवैध आदमी के आधार पर मेरे ऊपर एफआईआर कर देते हैं. अगर वो कहता हैं कि तीर्थ पुरोहित हैं तो मैं भी तीर्थपुरोहित हूं.”
BJP सांसद ने ये भी कहा कि दूसरा ये कहा जा रहा है कि धार्मिक भावनाएं भड़काई हैं. मैं कहता हूं कि वो हिंदू और मैं भी हिंदू. वो भी ब्राह्मण मैं भी ब्राह्मण, उन्होंने कहा, ”इरफ़ान अंसारी अगर यहां पूजा करते हैं, तो कोई दिक्कत नहीं है. एसपी साहब क्रिश्चन हैं, वो अंदर जाकर पूजा करेंगे, इसमें भी कोई परेशानी नहीं है. लेकिन अगर कोई हिंदू काँवर यात्रा लाता है, तो क्या इससे धार्मिक भावनाएं भड़क जाती है.”