मेरठ के खरखौदा में पांच दिन पहले खरखौदा के अल्लीपुर से पकड़ा गया रोहिंग्या परिवार रात के अंधेरे में घर का ताला लगाकर फरार हो गया। परिवार के छह सदस्यों ने शरणार्थी यानी यूएनएचसीआर (यूनाइटेड नेशनल हाई कमिश्नर फोर रिफ्यूजी) कार्ड दिखा दिया था, जबकि बाप-बेटे समेत चार लोगों को 31 जुलाई तक कार्ड दिखाने के लिए कहा गया था। इससे पहले ही पूरा परिवार फरार हो गया। जिस तरीके से यह परिवार रात के अंधेरे में फरार हुआ है, उससे यह शक के घेरे में है।कहां गया परिवार, किसी को नहीं पता
आसपास के लोगों के अनुसार 24 जुलाई को जिस समय एटीएस ने 17 घंटे तक पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया था, तभी से पूरा परिवार तनाव में था। पुलिस कार्रवाई के डर से 26 जुलाई को रात के समय यह परिवार अपना जरूरी सामान लेकर वहां से फरार हो गया।
वहां किराये पर रहने वाले अन्य लोगों ने सुबह के समय ताला लगा देखा। उस समय सभी ने सोचा कि परिवार कहीं किसी काम से गया होगा, लेकिन तीन दिन तक भी परिवार के नहीं लौटने पर पुलिस को जानकारी दी गई। मकान मालिक से लेकर किसी को भी यह पता नहीं है कि परिवार कहां गया।