बरेली बवाल प्रकरण: दूसरे दिन भी जोगी नवादा में फोर्स तैनात, घुड़सवार पुलिस ने की गश्त, चप्पे-चप्पे पर नजर

बरेली बवाल प्रकरण: दूसरे दिन भी जोगी नवादा में फोर्स तैनात, घुड़सवार पुलिस ने की गश्त, चप्पे-चप्पे पर नजर

बरेली के जोगी नवादा और चक महमूद में रविवार को कांवड़ यात्रा निकालने को लेकर हुए बवाल के बाद पुलिस, पीएसी और आरआरएफ के जवानों की तैनाती कायम है। मंगलवार को थाना बारादरी के नए प्रभारी हिमांशु निगम ने मोहल्ले में जाकर जानकारी जुटाई। नए कांवड़ जत्थे को निकालने से पहले पुलिस प्रशासन तैयारी में जुट गया है। गलियों के निकास और स्थानीय लोगों से बात कर रजिस्टर बनाया जा रहा है। घुड़सवार पुलिस ने भी इलाके में गश्त की। चक महमूद से पहले पिछले रविवार को जोगी नवादा में कांवड़ यात्रा को लेकर बवाल हुआ था। सप्ताहभर बाद ही दोबारा बवाल हो गया। रविवार को कांवड़ यात्रा से पहले जुटी भीड़ में शामिल खुराफातियों ने फायरिंग कर दी। इसके बाद पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को खदेड़ा। सोमवार को चक महमूद से जोगी नवादा तक 80 फीसदी दुकानें बंद रहीं। महिलाएं और बच्चे घरों में कैद रहे। पुरुष सड़क किनारे या चबूतरों पर बैठकर चर्चा करते नजर आए।

 

सादा कपड़ों में घूमकर ले रहे टोह

चक महमूद से जोगी नवादा तक पुलिस और खुफिया अमले के लोग सक्रिय हैं। कई पुलिसकर्मी सादा कपड़ों में भीड़ के बीच टोह ले रहे हैं। उच्चाधिकारियों के जरिये माहौल की रिपोर्ट शासन को भेजी जा रही है।

दोनों पक्ष के लोगों को घटना पर अफसोस

रविवार की घटना को लेकर सोमवार को भी पूरे दिन चर्चा रही। चक महमूद में कांवड़िया पक्ष के लोग तो जोगी नवादा में दूसरे पक्ष के लोग चबूतरों पर बैठकर चर्चा कर रहे थे। दोनों ही पक्ष के बुजुर्गों ने घटना को लेकर अफसोस जताया।

हाजी अलीजान का कहना था कि वर्ष 2012 के बाद फिर इलाके में घटना हुई है। उनके पक्ष के लोग घरों में चले गए थे। दूसरे पक्ष की ही गलती रही जो यह नौबत आई। बुजुर्ग मोतीराम ने कहा कि स्थानीय लोग मजदूरी पेशा हैं। मुकदमेबाजी और झगड़ों में फंसकर उनकी रोजी रोटी प्रभावित होती है। पुलिस प्रशासन को बवाल न होने का पुख्ता इंतजाम करना चाहिए।

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