सहरसा संवादाता मो० इम्तियाज
अंग्रेजी नववर्ष को रंगीन बनाने के लिए शराब कारोबारी और शराब के शौकीन लोग दूसरे प्रदेश से शराब को मंगवा रहे हैं। दूसरे प्रदेश से शराब मंगाने का सबसे सुरक्षित और आसान रास्ता ट्रेन का इस्तेमाल किया जा रहा है। साथ ही अगर ट्रेन के कर्मचारी इसमें अपनी सहमति दे दें तो लोगों को आराम से शराब उपलब्ध हो जाते है। यानी ट्रेन द्वारा दूसरे प्रदेश से शराब सहरसा तक पहुंच रही है।ऐसा ही एक गुप्त सूचना स्थानीय आरपीएफ को प्राप्त हुई। जिसमें उन्हें बताया गया कि सहरसा पहुंचने वाली ट्रेन संख्या 22913 हमसफर एक्सप्रेस ट्रेन के सफाई कर्मचारी अवैध शराब की खेप लेकर सहरसा पहुंच रहे हैं। सूचना पर आरपीएफ उपनिरीक्षक रवि रंजन कुमार के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया। जिसमें प्रधान आरक्षी सुरेंद्र कुमार रजक और प्लेटफार्म ड्यूटी में तैनात आरक्षी अजीत कुमार राय सहित अन्य कर्मी को शामिल किया गया। जिसके बाद मंगलवार की देर शाम 7:09 बजे स्थानीय प्लेटफार्म नंबर 2 पर ट्रेन के पहुंचते ही उसकी घेराबंदी की गई। जिनके एसी कोच संख्या बी 6 बोगी से सभी यात्री उतर कर चले गए। जिसके बाद एक सफाई कर्मचारी पीठ पर बैग लेकर कोच से बाहर निकला। जिसे रोका गया। लेकिन वे पुलिस की टीम को देखकर भागने लगा। जिसे खदेड़ कर पकड़ा गया। जिनके बैग की तलाशी लिए जाने पर उनके बैग से 180 एमएल के 6 बोतल अंग्रेजी शराब बरामद हुए।
आरपीएफ उपनिरीक्षक रवि रंजन कुमार ने बताया कि पुलिस गिरफ्त में लिए गए हमसफर एक्सप्रेस ट्रेन के सफाई कर्मी उत्तर प्रदेश के संभल जिला अंतर्गत भाद नगर थाना क्षेत्र के सराय तरीन पंचायत के संभल गांव स्थित वनखोरियान टोला निवासी मो आबिद हुसैन के पुत्र अब्दुल मजीद थे। वे हमसफर एक्सप्रेस ट्रेन संख्या 22913 में सफाई कर्मी के रूप में नियुक्त थे। जिनसे 6 बोतल अंग्रेजी शराब बरामद किए गए। पूछताछ में उन्होंने स्वीकार किया कि उत्तर प्रदेश से वे शराब को खरीद कर सहरसा लाते थे। जहां शराब के इच्छुक लोग अधिक पैसे देकर उसे शराब खरीद लेते थे।गिरफ्तार कारोबारी को जेल भेज दिया गया है।