सरकारी एजेंसियों ने नूंह में दो हजार माइग्रेंट्स की आईडी सत्यापन की सिफारिश की है। ये फैसला नूंह हिंसा में सोमवार को दो रोहिंग्या की गिरफ्तारी के बाद लिया गया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक 31 जुलाई को नूंह हिंसा में म्यांमार से आए लोग शामिल थे, जो आसाम या बंगाल की अवैध आइडेंटिटी के जरिये नूंह पहुंचे थे।इस बारे में नूंह के एसपी नरेंद्र बिजारनिया ने कहा कि आईडी सत्यापन की जरूरत है ताकि उससे कानूनी तरीके से निपटा जा सके। इन लोगों को यहां शरण देने के बदले शोषण किया जाता है। इन्हें खरीदा जाता है या फिर गैरकानूनी कामों में शामिल होने के लिए मजबूर किया जाता है। इनपुट मिले हैं कि लोकल लोगों की तरफ से उनकी महिलाओं का शोषण किया गया है। इसलिए इनकी आईडी चैक कर एक्शन लेने की जरूरत है।
