दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महिला को पति के साथ तलाक समझौते की शर्तों का उल्लंघन करने और पारिवारिक अदालत में दिए गए वचनों की अवज्ञा करने के लिए एक माह के साधारण कारावास की सजा सुनाई है। न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने 9 अगस्त को सुनाए गए आदेश में महिला को अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया और उस पर 2000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।अदालत ने कहा कि महिला जानबूझकर समझौते का उल्लंघन कर रही है। इतना ही नहीं उसने अपने जवाब में कोई माफी नहीं मांगी है और इसके विपरीत साहसपूर्वक कहा है कि वह समझौते और अदालत को दिए गए वचनों से बंधी नहीं है। अदालत ने कहा, जेल की सजा जरूरी है, क्योंकि महिला ने अलग हो चुके पति के साथ अपने वित्तीय समझौते को बढ़ाने के इरादे से परिवार अदालत को दिए गए वचन की जानबूझकर और अवज्ञा कीन्यायाधीश ने कहा कि समझौते की शर्तों का पालन करने के लिए उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए कई अवसरों के बावजूद ऐसी अवज्ञा हुई। ऐसे में महिला को एक महीने की जेल की सजा सुनाई गई। हालांकि, अदालत ने महिला को अवमानना से मुक्ति दिलाने के लिए सजा को दो सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया। कोर्ट ने कहा कि अगर महिला बिना शर्त माफी मांगती है और सुलह समझौते की शर्तों का पालन करती है तो कारावास की सजा वापस ले ली जाएगी। कोर्ट ने आगे चेतावनी देते हुए कहा कि अगर महिला ऐसा नहीं करती है तो उसे 24 अगस्त को दोपहर 2.30 बजे कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के सामने सरेंडर करना होगा।
