Nitish Kumar : भाजपा से दुश्मनी, मगर इन भगवा नेताओं से रिश्तों की कहानियों से क्या जताते हैं सीएम नीतीश कुमार

Nitish Kumar : भाजपा से दुश्मनी, मगर इन भगवा नेताओं से रिश्तों की कहानियों से क्या जताते हैं सीएम नीतीश कुमार

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कब, क्या रुख करेंगे- यह अनुमान कोई नहीं लगा पाता। जो अंदाज लगाता है, अमूमन गलत ही निकलता है। ऐसे ही गलत अनुमानों के बाद अब बिहार और नीतीश कुमार को करीब से जानने वाले दिग्गज भी इस विषय पर बात नहीं करना चाहते। इसके बावजूद अंदाज लगाने का दौर लंबे समय से चल रहा है। हवा उड़ने की बातों पर नीतीश खुद भले जो कहें, लेकिन हकीकत यही है कि उनकी बात और उनके व्यवहार से यह संशय सामने आता रहता है। बुधवार को वह दिल्ली पहुंचे तो वहां साफ-साफ कहा कि वह दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के लिए यहां आए हैं। उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे आए हैं। एक तरफ वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार के खिलाफ देशभर के भाजपा-विरोधी दलों को जुटाने में अहम भूमिका निभा रहे और दूसरी तरफ यह! वैसे, यह पहली बार नहीं। तो, आगे? यह सवाल हर बार की तरह उठ रहा।

अटलजी का नाम हर समय लेते हैं नीतीश
शायद ही कभी ऐसा हो कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दो मिनट से ज्यादा मीडिया से बात करें और पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की चर्चा न करें। पिछली बार राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के साथ जनादेश लेने के बाद जब भाजपा में आए, तब भी उनका नाम लिया। जब भाजपा के साथ सरकार चलाने के लिए जनादेश लेने के बाद अचानक वापस राजद के साथ जाकर महागठबंधन सरकार के मुखिया बने, तब भी उनका नाम लिया। जब-जब वह भाजपा की बात करते हैं तो यह जरूर कहते हैं कि वह पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी को बहुत मानते हैं और अटलजी भी उन्हें बहुत मानते थे। मंगलवार 15 अगस्त को गांधी मैदान में स्वतंत्रता दिवस समारोह के मंच से भी उनका नाम लेना नहीं भूले। बुधवार को दिल्ली पहुंचने पर भी नीतीश ने अटलजी से अपने रिश्तों की बात कही। विपक्षी एकता की बेंगलुरु बैठक से लौटने के बाद जब उनके गुस्सा होने की बात आ रही थी तो भी नीतीश कुमार ने मीडिया के सामने आने पर अटलजी का नाम लिया था। तब भी उन्होंने कहा था कि अटलजी वाली भाजपा नहीं रही। सीएम नीतीश कुमार ने पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की 95वीं जयंती पर पटना में उनकी आदमकद प्रतिमा का 2019 में अनावरण किया था।

अरुण जेटली को भी बीच-बीच में करते हैं याद
केंद्र की भाजपा सरकार के मुखिया नरेंद्र मोदी के खिलाफ होने के बावजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूर्व वित्त मंत्री दिवंगत अरुण जेटली से दूर नहीं हुए। जेटली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समय भी वित्त मंत्री थे। उनके निधन के बाद नीतीश ने पटना में उनकी प्रतिमा भी लगवाई। नीतीश कभी-कभी पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी का भी नाम लेते हैं, लेकिन ऐसा मौका साल में कभी-कभी आता है। वह दिवंगत अरुण जेटली का नाम उनसे ज्यादा लेते हैं और पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की चर्चा हर बात पर करते हैं

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