बरसात के दिनों में जर्जर भवनों के गिरने का रहता है खतरा, कई बार गिर चुका है छत का हिस्सासंवाद न्यूज एजेंसी
सहारनपुर। एक ओर जहां कायाकल्प योजना में कई परिषदीय विद्यालयों की हालत सुधरी है। वहीं आज भी कई विद्यालय जर्जर भवनों में संचालित किए जा रहे हैं। विभाग टूटी छत वाले कमरों में कक्षाएं संचालित कर मासूमों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहा है। 23 सितंबर 2022 को महानगर के मुंशीयान में कक्षा चलते वक्त छत का हिस्सा टूटकर गिरा था। गनीमत रही थी कि विद्यार्थी बच गए थे।
बड़गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय नंबर एक के कक्षों की छत जगह जगह से टूटी है, जिसके हिस्से गिरने के बाद छत की मरम्मत तक नहीं कराई गई है। वर्तमान में भी छत में सीलन के कारण छत जगह-जगह से फूली हुई है, जो कभी भी अपनी जगह छोड़कर छात्रों के ऊपर आकर गिर सकती है, लेकिन इसके बावजूद जर्जर भवन में ही कक्षाएं संचालित की जा रहीं हैं। स्टाफ का कहना है कि इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को कई बार अवगत कराया जा चुका है, लेकिन आश्वासन ही मिल रहा है। चूंकि विद्यालय को बंद नहीं किया जा सकता है। ऐसे में वह टूटी छत वाले कक्षों में ही कक्षाएं संचालित करने को मजबूर हैं। यह भी बताया कि बरसात के दिनों में छत से पानी टपकता है, जिसकी वजह से पूरी कक्षा अव्यवस्थित हो जाती है। प्राथमिक विद्यालय रामखेड़ी माजरी में भी विद्यालय का भवन जर्जर हो चुका है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. विनीता ने 16 अगस्त को प्राथमिक विद्यालय सरसोहेड़ी नंबर एक का निरीक्षण किया। उन्होंने पाया कि विद्यालय में दो कक्ष जर्जर हालत में हैं, जिससे कभी भी हादसा हो सकता है। डॉ. विनीता ने इस पर नाराजगी व्यक्त की थी।इतने भवन हुए थे चिह्नित
दो वर्ष पहले जर्जर भवनों वाले विद्यालयों की सूची शासन को भेजी गई थी। जिले में करीब 277 जर्जर भवन चिह्नित किए गए थे। सबसे ज्यादा हालत खराब मुजफ्फराबाद ब्लाॅक में मिली थी, जहां 40 भवन जर्जर थे। इसके अलावा सरसावा क्षेत्र में 07, नागल क्षेत्र में 18, गंगोह क्षेत्र में 30, साढ़ौली कदीम क्षेत्र में 21, रामपुर मनिहारान क्षेत्र में 08, बलियाखेड़ी ब्लाॅक क्षेत्र में 13, देवबंद क्षेत्र में 09 भवन चिह्नित किए गए थे। इनमें से 125 जर्जर भवनों को पहले चरण में ध्वस्त किया जाना था, लेकिन ज्यादातर जगहों पर आज भी जर्जर भवन खड़े हैं।जनपद में 355 जर्जर भवन के सापेक्ष 245 भवनों का मूल्यांकन प्राप्त हुआ है। शेष 110 परिषदीय विद्यालयों का मूल्यांकन कराने के लिए लोक निर्माण विभाग से अनुरोध किया गया है। जल्द ही जर्जर भवनों का मूल्यांकन कर आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। प्रयास यही रहेगा कि कोई भी विद्यालय जर्जर न रहे और विद्यार्थी सुरक्षित भवनों में बैठकर पढ़ें।