महाराष्ट्र के नासिक में कुछ एपीएमसी में प्याज की नीलामी गुरुवार को थोड़ी देर के लिए शुरू हुई लेकिन फिर उसे बंद कर दिया गया। यहां प्याज की नीलामी सोमवार से रुकी हुई थी जब केंद्र सरकार की ओर से प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाने के फैसले को रद्द करने की मांग करते हुए 500 से अधिक किसानों ने मुंबई-आगरा राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया था। सोमवार को अधिकारियों ने यह जानकारी दी।अधिकारियों ने बताया कि देश की सबसे बड़ी थोक प्याज मंडी लासलगांव एपीएमसी के साथ-साथ पिंपलगांव और चंदवाड़ में सुबह नीलामी शुरू हुई, लेकिन कुछ समय बाद किसानों को नाफेड और एनसीसीएफ की ओर से किए गए वादे के अनुसार 2,410 रुपये प्रति क्विंटल का भाव नहीं मिलने के बाद नीलामी रोक दी गई। अधिकारियों ने कहा कि किसानों ने नीलामी रोक दी क्योंकि नेफेड (भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड) के कर्मचारी नीलामी के दौरान अनुपस्थित थे।
सुप्रिया सुले बोलीं- सरकार नीतिगत पंगुता दिखा रही
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की नेता सुप्रिया सुले ने प्याज पर निर्यात शुल्क को लेकर महाराष्ट्र में जारी आंदोलन पर गुरुवार को महाराष्ट्र सरकार की आलोचना की और कहा कि सत्तारूढ़ सरकार ‘पूरी तरह नीतिगत पंगुता’ और समन्वय की कमी का प्रदर्शन कर रही है।
नासिक में किसान और व्यापारी केंद्र सरकार के 19 अगस्त के फैसले के खिलाफ सोमवार से आंदोलन कर रहे हैं, जिसमें 31 दिसंबर तक प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया गया है। लासलगांव सहित नासिक में एपीएमसी में नीलामी सोमवार से प्रभावित है, जबकि किसान निर्यात शुल्क के फैसले को रद्द करने की मांग को लेकर राजमार्ग पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।राकांपा की कार्यकारी अध्यक्ष सुले ने संवाददाताओं से कहा, ”मैं पिछले चार महीने से (केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री) पीयूष गोयल के समक्ष सोशल मीडिया के माध्यम से प्याज का मुद्दा उठा रही हूं। मैंने उन्हें बताया कि देश में प्याज का अधिक उत्पादन है और दुनिया के कुछ हिस्सों में इसकी कमी है। मैंने प्याज निर्यात के अवसर के बारे में भी बात की और (केंद्र) से एक स्पष्ट नीति के साथ आने का अनुरोध किया, लेकिन दुर्भाग्य से कुछ भी नहीं किया गया।”