पांच बच्चों की डूबकर मौत: खुशियों पर मातम, साथी बच्चे भी बिलख पड़े; चीत्कार से गूंजा इलाका, थामे नहीं थमे आंसू

पांच बच्चों की डूबकर मौत: खुशियों पर मातम, साथी बच्चे भी बिलख पड़े; चीत्कार से गूंजा इलाका, थामे नहीं थमे आंसू

बांदा के खप्टिहा कलां में त्योहार के दिन बुधवार को कजलिया खोटने गई दो चचेरी बहनों सहित सात बच्चों में पांच नदी में डूब गए। नदी में मौजूद गोताखोरों और मल्लाहों ने जब देखा तो बच्चों को बचाने के लिए नदी में कूदे। चार बच्चों को नदी से बाहर भी निकाल लिया गया, लेकिन अस्पताल पहुंचने तक उनकी मौत हो गई।

वहीं, एक बालक का शव आठ घंटे बाद मिला। पैलानी थाना क्षेत्र के सिंधनकलां गांव के मजरा गुरगवां गांव में केन नदी के गइला घाट पर बुधवार को सुबह नौ बजे गांव की मनीषा (12) पुत्री पावनी, आकांक्षा (14) पुत्री रामअवतार, राखी उर्फ अंजना (18) पुत्री रामकृपाल, चचेरी बहन विजयलक्ष्मी (13) पुत्री रामविशाल, पुष्पेंद्र (6) पुत्र दिनेश, सूर्यांश (6) पुत्र लवलेश व विवेक उर्फ तन्नू (7) पुत्र रामशरण अपने-अपने घर से केन नदी में कजलिया खोटने गए थे।

सातों बच्चे केन नदी स्थित गइला घाट पर एक बालू के ऊंचे टीले पर चढ़ गए। खेलते वक्त सभी का पैर फिसल गया, जिसमें मनीषा और आकांक्षा ने तो खुद को संभाल लिया, लेकिन राखी, विजय लक्ष्मी, पुष्पेंद्र, सूर्यांश और विवेक नदी में फिसल गए। यह देख दोनों बच्चे मदद के लिए चिल्लाने लगे। पास ही मौजूद मल्लाहों और गोताखोरों ने आवाज सुनी तो बच्चों को बचाने के लिए नदी में कूद गए।राखी, विजय लक्ष्मी, पुष्पेंद्र और सूर्यांश को बाहर निकाल लिया, लेकिन अस्पताल पहुंचने तक उनकी मौत हो गई। खोजबीन में आठ घंटे बाद विवेक का शव भी बरामद कर लिया गया। इस दौरान एसडीएम पैलानी शशिभूषण मिश्र, सीओ सदर अंबुजा त्रिवेदी, थानाध्यक्ष अनिल साहू ने मौके पर मौजूद रहे।

खुशियों पर छाया मातम, साथी बच्चे भी बिलख पड़े
पांच घरों के मासूमों की जान जाने से गांव में त्योहार की खुशी पर मातम छा गया। बड़े तो भावुक हैं ही, मरने वाले बच्चों के साथी भी परिजनों से लिपटकर बिलखते रहे। हर कोई पीड़ित के घर उनके परिजनों को ढांढस बंधाते रहे। यहां तक इस गम की घड़ी में कई घरों में चूल्हे भी नहीं जले।
पैलानी थाना क्षेत्र के गुरगवां गांव में केन नदी के गइला घाट में पांच बच्चों के नदी में डूबने की घटना से कोहराम मच गया है। चार बच्चों को पहले ही निकाल लिया गया, लेकिन उनकी मौत हो गई और फिर शाम को पांचवें बच्चे विवेक को भी आठ घंटे बाद मृत अवस्था में नदी से बाहर निकाल लिया गया।

राखी के पिता रामकृपाल, विजयलक्ष्मी के पिता रामविशाल, पुष्पेंद्र के पिता दिनेश और सूर्यांश के पिता लवलेश व मृतक विवेक के पिता रामशरन ने बताया कि वह सभी गांव में ही रहकर खेती-किसानी में मजदूरी करते हैं। सभी भूमिहीन हैं।
रक्षाबंधन का पर्व है। इसके लिए बच्चे कजलिया खोटने के लिए नदी जाते हैं। घटना दिन भी उनके सभी बच्चे नदी में कजलिया खोटने के लिए गए थे। उन्हें क्या पता कि सभी इस तरह से पानी में समा जाएंगे। गांव के बच्चों का भी रो रोकर बुरा हाल है। पूरे गांव में मातम छा गया है।
दो घरों का बुझा चिराग, तीन भाइयों की इकलौती बहन भी नहीं रही
केन नदी के इस हादसे ने पांच जिंदगियां निगल लीं। इसमें दो घरों का चिराग बुझ गया। दो बच्चे अपने घर के इकलौते बेटे थे, जबकि एक घर में तीन भाइयों की इकलौती बहन की भी डूबने से मौत हो गई। अकेली बहन की मौत से तीनों का रो-रोकर बुरा हाल है। बार बार अपनी बहन को याद कर वे रो रहे हैं।

पांच बच्चों की मौत से राखी का त्योहार फीका पड़ गया। अंजना उर्फ राखी की मौत से तीन भाइयों की कलाई इस बार सूनी रहेगी। कजलिया खोटने गई बच्चों की टोली में राखी ही समझदार और बड़ी थी। संभवत बच्चों को बचाने में वह भी पानी में डूब गई। मृतका अंजना उर्फ राखी तीन भाइयों में अकेली बहन थी। मृतक पुष्पेंद्र एक भाई एक बहन में बड़ा था।
वह कक्षा पांच में पढ़ता था। मृतका विजय लक्ष्मी पांच बहनों में दूसरे नंबर की थी। वह कक्षा सात में सिंधन कला में पढ़ती थी। मृतक सूर्यांश दो बहन और एक भाई में बड़ा था। वह गांव के आंगनबाड़ी केंद्र में कक्षा एक का छात्र था। मृतक विवेक दो भाई-बहन में सबसे छोटा था। मां ममता का रो-रोकर बुरा हाल है।

जल शक्ति राज्य मंत्री ने मृतकों के परिवार को दी सांत्वना
जल शक्ति राज्य मंत्री रामकेश निषाद ने हादसे की जानकारी होने पर मृतक परिवारों के घर जाकर उन्हें सांत्वना दी। उनके साथ एडीएम उमाकांत त्रिपाठी, एसडीएम शशिभूषण व सीओ सदर अंबुजा त्रिवेदी भी रहीं। मंत्री ने मृतकों की सूची बनाकर मुआवजे के लिए शासन को रिपोर्ट भेजने का आश्वासन दिया। एडीएम ने बताया कि सभी मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये आर्थिक सहायता दी जाएगी।

15 मीटर की दूरी पर दबा मिला शव
आठ घंटे बाद घटना स्थल से मात्र 15 मीटर की दूरी पर बालक कन्नू का शव मिट्टी में दबा मिला। एसडीएम पैलानी ने जानकारी देते हुए बताया की बीच में बारिश के दौरान रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया गया था। दोपहर तीन बजे फिर उसे चालू किया गया और नदी में जलधारा के बीच विवेक का शव ढूंढ लिया गया। वह घटना स्थल से पंद्रह मीटर की दूरी पर मिट्टी में दवा मिला। गोताखोर को पुरस्कृत किया गया, जबकि दो बच्चियों को भी प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा।

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