चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक उतारने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक और इतिहास रच दिया। राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी ने शनिवार को आदित्य-एल1 मिशन की सफल लॉन्चिंग की। इस मिशन का उद्देश्य सूर्य का अध्ययन करना हैअंतरिक्ष यान को पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर स्थित लैग्रेंजियन बिंदु 1 (एल1) पर भेजा गया है। धरती से सूरज की दूरी 15 करोड़ किलोमीटर दूर है, फिर आदित्य-एल1 को 15 लाख किलोमीटर दूर ही क्यों भेजा जा रहा है? कोई उपग्रह सूरज के कितने करीब तक जा सकता है? मिशन के लिए जो रॉकेट भेजे जाते हैं वो कहां तक जाते हैं? लॉन्च के बाद रॉकेट का क्या होता है? आइये जानते हैं…
