रेलवे में भंडार डिपो और इंजीनियरिंग विभाग तो काजल की कोठरी है। यहां से बेदाग बचकर निकलना आसान नहीं है…अब इतना माल खाएं हैं, अब दाग तो लगेगा ही..। यह कहकर रेलकर्मी ठहाके मारकर हंसने लगे। फिर बोले, विभाग तो कबाड़ का है, पर कबाड़ तो सोने उगल रहा था।लगता है साहब सारी मलाई अकेले चट कर गए..। रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोचे गए प्रमुख मुख्य कारखाना प्रबंधक कार्यालय में ही तैनात कर्मचारी बुधवार को लंच के समय कैंटीन में खाने से ज्यादा रिश्वत कांड पर चर्चाओं में मशगूल थे।बुधवार को दोपहर के एक बजे थे। प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक केसी जोशी के दफ्तर में सन्नाटा पसरा था। यहां रोजाना अच्छी खासी भीड़ रहती है। अंदर जाने पर प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक के कमरे में ताला लगा मिला। वहां एक कर्मचारी टहल रहा था। थोड़ी ही देर में एक और कर्मचारी आ गया।
दबी जुबान में पूछा- साहब कहां हैं अब। पहले वाले ने जवाब दिया, साहब तो गए सीबीआई के साथ। फिर दोनों कर्मचारी शांत हो गए। वहीं, दोपहर ढाई बजे उप मुख्य सामग्री प्रबंधक कार्यालय के सामने हलचल दिखी। यहां सरकारी गाड़ियां बाहर भी खड़ी थीं। एक कार चालक ने बताया कि कुछ साहब लोग आए थे, अब गए।