आगामी 18 से 22 सितंबर तक चलने वाले संसद के विशेष सत्र की तैयारियां जोरों पर हैं। पांच दिन के इस विशेष सत्र के पहले 17 सितंबर को नए संसद भवन के गज द्वार पर राष्ट्रध्वज फहराया जाएगा। यह संसद की नई इमारत में पहला और औपचारिक ध्वजारोहण होगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ नई संसद के गज द्वार पर तिरंगा झंडा फहराएंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वहां मौजूद रह सकते हैं। इसी दिन प्रधानमंत्री का जन्मदिन भी है। सूत्रों का यह भी कहना है कि जब प्रधानमंत्री पुरानी संसद से नए संसद भवन में प्रवेश करेंगे, तब वे अपने साथ भारतीय संविधान की एक प्रति अपने हाथों में रख सकते हैं। नई संसद भवन में संविधान हॉल भी बनाया गया है। इसमें देश की संवैधानिक विरासत की प्रदर्शनी लगाई गई है।सीट, कैंटीन सब कुछ जांचने में जुटे कर्मचारी
संसद का विशेष सत्र पुराने भवन में शुरू होगा, फिर नए भवन में चलेगा। 19 सितंबर को दोनों सदनों की कार्यवाही पुराने के बजाय नए संसद भवन में होगी क्योंकि इस दिन गणेश चतुर्थी भी है। इस दिन नए संसद भवन में विधिवत पूजा के बाद प्रवेश किया जाएगा। इसके बाद ही कार्यवाही का संचालन होगा।इन कार्यक्रमों को देखते हुए मंगलवार-बुधवार को केंद्रीय शहरी एवं आवास मामलों के मंत्रालय और सीपीडब्यूडी के वरिष्ठ अधिकारियों ने नए संसद भवन का दौरा भी किया। एक अधिकारी ने कहा कि राज्यसभा में ऑडियो का लेवल और सांसदों के लिए मल्टीमीडिया सिस्टम की आखिरी बार जांच की गई है। इसमें सब कुछ पूरी तरह दुरुस्त है। नई इमारत में कैफे और रसोई भी सत्र के दौरान चालू रहने की पूरी संभावना है। विशेष सत्र पूरा होने के बाद नई संसद में 13-14 अक्टूबर को जी-20 देशों की संसद के स्पीकर का एक कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा।इस बीच, सरकार की तरफ से सभी कैबिनेट मंत्रियों, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और राज्य मंत्रियों को विशेष सत्र के पांचों दिन सदन की पूरी कार्यवाही के दौरान पूरे समय मौजूद रहने का निर्देश दिया गया है। आदेश के मुताबिक, लोकसभा में सांसद मंत्रियों को निचले सदन में और राज्यसभा से सांसद मंत्रियों को पूरी कार्यवाही के दौरान उच्च सदन में मौजूद रहने का निर्देश मिला है। अमूमन दोनों सदनों में कार्यवाही के दौरान एक-एक मंत्री की रोस्टर ड्यूटी लगती है।संविधान कक्ष में लगेगी प्रदर्शनी
राज्यसभा और लोकसभा के साथ-साथ नए संसद भवन में एक संविधान हॉल भी बनाया गया है। इसमें देश की संवैधानिक विरासत की प्रदर्शनी लगाई गई है। नई लोकसभा में 888 सांसदों के बैठने की क्षमता होगी। राज्यसभा का आकार लोकसभा के मुकाबले छोटा होगा। राज्यसभा में 384 सांसद बैठ सकेंगे। दोनों सदनों का संयुक्त सत्र लोकसभा चैंबर में होगा। इसमें 1280 सांसद एक साथ बैठ सकेंगे। नए भवन में सांसदों की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया है।नए संसद भवन में ऐसी रहेगी व्यवस्था
- नए संसद भवन के निर्माण के दौरान वायु और ध्वनि प्रदूषण पर रोकथाम के लिए कई कदम उठाए गए हैं। इसमें सभी संसद सदस्यों के लिए एक विशेष लाउंज, एक लाइब्रेरी, डाइनिंग हॉल और पार्किंग की जगह भी बनाई गई है। नए संसद भवन में अहम कामकाज के लिए अलग ऑफिस बनाए गए हैं, जो हाईटेक सुविधाओं से लैस हैं।
- कैफे, डाइनिंग एरिया, कमेटी मीटिंग के तमाम कमरों में भी हाईटेक उपकरण लगाए गए हैं। कॉमन रूम, महिलाओं के लिए लाउंज के अलावा वीआईपी लाउंज की भी व्यवस्था की गई है। इन विशेष लाउंज में सांसदों को उनके सहयोगी, परिवार के लोगों के अलावा संसद भ्रमण के लिए आने वाले लोगों को बुलाने की छूट होगी।
- पुराने भवन की तुलना में नए भवन के लोकसभा और राज्यसभा में सांसदों की बैठक व्यवस्था सुधारी गई है। पुराने सदनों में सांसदों को सबसे ज्यादा दिक्कत बैठने में आती थी, लेकिन नए संसद भवन के दोनों सदनों में स्पेस बढ़ाई गई है। अब लोकसभा और राज्यसभा के कक्ष में हर बेंच पर केवल दो ही सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी। पुराने भवन में सांसदों को अंदर आने बाहर जाने में दिक्कत होती थी। लेकिन नए सदनों में सांसद बिना किसी अवरोध के आ सकेंगे और बाहर निकल सकेंगे। इस दौरान किसी को भी दिक्कत नहीं होगी।
- नए संसद भवन को नई तकनीक से लैस किया गया है। सांसदों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए हर सीट पर डिजिटल सिस्टम और टच स्क्रीन लगाई गई है। डिजिटल सिस्टम को सांसद सीधे अपने मोबाइल या टैबलेट से कनेक्ट कर सकेंगे। इसमें खास बात यह है कि यह सिस्टम उसी सीट से कनेक्ट होंगे, जो आधिकारिक तौर पर उन्हे लोकसभा सचिवालय द्वारा अलॉट की गई है। इन डिजिटल सिस्टम पर संसद सदस्य के कामकाज के ब्योरे के अलावा उनसे संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज भी देख सकेंगे। संसद को पेपर लैस करने की दिशा में भी काम किया जा रहा है। इसलिए इन सिस्टम के जरिए ही अब सांसदों को महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकेगी।
- नए संसद भवन परिसर में लेटेस्ट ऑडियो-विजुअल सिस्टम भी लगाए गए हैं। संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले और सत्र स्थगित होने के बाद इनके जरिए सांसदों, कर्मचारियों को भी इसकी सूचना मिलती रहेगी। पुराने भवन की तरह भवन में भी सांसदों के लिए सुविधायुक्त डाइनिंग हॉल तैयार किया गया है। इसके अलावा बुजुर्ग सांसदों के लिए भी कई प्रकार की सुविधाएं रखी गई हैं।
विशेष संसद को लेकर ऐसी हो रही हैं तैयारियां
- नई संसद में कर्मचारियों के लिए ड्रेस कोड जारी किया गया है। लोकसभा सचिवालय के आदेश के मुताबिक मार्शल, सुरक्षा कर्मचारियों, अधिकारियों, चैंबर अटेंडेंट और चालकों के लिए नई ड्रेस जारी की गई है, जिसे नए संसद भवन में कामकाज शुरू होने के बाद उन्हें पहनना होगा।
- नौकरशाहों को बंद गला सूट की जगह मैजेंटा या गहरे गुलाबी रंग की नेहरू जैकेट पहननी होगी। उनके लिए तय की गई कमीज पर पुष्प का डिजाइन छपा होगा। साथ ही कर्मचारी खाकी रंग की पैंट पहनेंगे।
- संसद के दोनों सदनों में मार्शल की नई पोशाक में अब मणिपुरी पगड़ी शामिल होगी। संसद के सुरक्षा कर्मचारी नीले सफारी सूट के बजाय सेना की वर्दी जैसी पोशाक में नजर आएंगे।
सरकार ने संसद सत्र के लिए जारी किया ये एजेंडा
सरकार ने विशेष सत्र का प्रस्तावित एजेंडा जारी कर दिया है। सत्र के पहले दिन लोकसभा और राज्यसभा में 75 सालों में संसद की यात्रा पर होगी चर्चा। इस दौरान संविधान सभा से लेकर आज तक संसदीय यात्रा पर चर्चा होगी। विशेष सत्र में मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए समिति में भारत के मुख्य न्यायाधीश के स्थान पर प्रधानमंत्री द्वारा नामित कैबिनेट मंत्री को शामिल करने वाले बिल को सूचीबद्ध किया है। अलावा लोकसभा में जो अन्य बिल पेश किए जाएंगे, उनमें पोस्ट ऑफिस बिल 2023, एडवोकेट (संशोधन) विधेयक, 2023 और प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियोडिकल्स बिल, 2023 शामिल हैं, जो पहले ही 3 अगस्त 2023 को राज्यसभा द्वारा पारित किए जा चुके हैं।