उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की फतेह अली कॉलोनी के ज्यादातर मकान जर्जर और कंडम घोषित किए जा चुके हैं। इसके बावजूद रेलवे प्रशासन ने मकान खाली नहीं करवाए हैं। शनिवार को यहीं के एक मकान के ढह जाने से तीन बच्चों सहित पांच लोगों की मौत हो गई। बारिश के बाद मकान और कमजोर हो गया। कॉलोनी में करीब 200 परिवार रहते हैं।
सुबह सफाईकर्मियों ने हादसे की सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद मौके पर पुलिस और एनडीआरएफ की टीम पहुंची। टीम ने मलबा हटाकर पांच लोगों को बाहर निकला और उन्हें इलाज के लिए लोकबंधु अस्पताल भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतक सतीश चंद्र के पिता रामचंद्र पहले रेलवे में थे, जिनकी मृत्यु के बाद मां का भी निधन हो गया और सतीश चंद्र को अनुकंपा पर नौकरी मिलने की उम्मीद थी। सतीश अपने परिवार के साथ यहां रहते थे, जबकि सतीश के भाई अमित भी रेलवे में हैं।उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की सीनियर डीसीएम रेखा शर्मा का कहना है कि फतेह अली कॉलोनी को कंडम घोषित किया जा चुका है। सारे क्वार्टर रहने लायक नहीं हैं। नोटिस कई बार दी जा चुकी है। घटना का संज्ञान लेते हुए तुरंत ही स्थानीय अधिकारियों से वार्ता कर राहत एवं बचाव कर में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि रेलवे का यह मकान काफी पुराना था। अन्य कोई व्यक्ति इसमें फंसा ना हो, इस कारण मलबे को तुरंत हटाया जा रहा है।डिप्टी सीएम ने आश्वासन दिया है कि पीड़ित परिवार के शेष परिजनों को सरकार की ओर से हर संभव मदद मुहैया कराई जाएगी।घटना में 40 वर्षीय सतीश चन्द्र, 35 वर्षीय सरोजनी देवी, 13 वर्षीय हर्षित, 10 वर्षीय हर्षिता और 5 वर्षीय अंश की मृत्यु हो गई।