नूंह हिंसा मामले में फिरोजपुर झिरका से कांग्रेस विधायक मामन खान की गिरफ्तारी की उलटी गिनती उसी दिन से शुरू हो गई थी, जब पिछले महीने विधानसभा भवन के अंदर राज्य के गृह मंत्री ने कहा था कि मामन खान जहां-जहां गए, वहां पर हिंसा हुई है। उसी के बाद से तय हो गया था कि सरकार जल्द ही खान पर शिकंजा कस सकती है। यह बात खान को भी पता चल गई थी कि यदि वह जांच में शामिल हुए थे तो उनकी गिरफ्तारी हो जाएगी। इसलिए उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया था। खान के खिलाफ थे पर्याप्त सबूत
गुरुवार को हाईकोर्ट में उस समय पूरी तस्वीर बदल गई जब हरियाणा सरकार ने खुलासा किया कि एक अगस्त को नगीना थाने में दर्ज एफआईआर में कांग्रेस विधायक को भी आरोपी बनाया गया है। हरियाणा सरकार की ओर से पेश एडिशनल एडवोकेट जनरल दीपक सभरवाल ने कोर्ट में बताया कि खान के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। सबूतों का मूल्यांकन करने के बाद ही खान को आरोपी बनाया गया है। एफआईआर में 52 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इनमें से 42 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसमें एक आरोपी तौफीक है।
तौफीक और खान की बीच हुई कॉल डिटेल्स के सबूत पुलिस के पास हैं। दोनों के बीच नूंह हिंसा से ठीक पहले बातचीत हुई थी। अदालत में दो पुलिस कांस्टेबल के बयान को भी सबूत के तौर पर पेश किया गया है, जिसमें उन्होंने कहा कि खान उन जगहों पर मौजूद थे, जहां अगले दिन हिंसा हुई थी। इसके अलावा जांच टीम ने मोबाइल टावर से उनकी लोकेशन भी निकलवाई है। हालांकि खान कहते रहे हैं कि हरियाणा पुलिस उन्हें मामले में झूठा फंसा रही है। जबकि वह हिंसा के दिन नूंह में मौजूद नहीं थे।ये पोस्टें भी बनीं गले की फांस
इसके अलावा कुछ और बातें भी हैं, जो खान के विरुद्ध गई हैं और जिसे पुलिस ने आधार बनाया है। 30 जुलाई को कांग्रेस विधायक ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि मैंने विधानसभा में आपके लिए लड़ाई लड़ी थी और मेवात की जमीन पर भी आपके लिए लडूंगा। वहीं, पुलिस को एक और भी पोस्ट मिला है, जिसमें लिखा है कि विधायक मामन खान मिशन पूरा हुआ है। हालांकि सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखने वाला व्यक्ति फरार है।