भारतीय सेना ने सिक्किम के बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत व बचाव के लिए बड़ा अभियान शुरू किया है। सेना बाढ़ के बाद कटे हुए गांवों को फिर से जोड़ने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चला रही है। उसका फोकस चुंगथांग के जरिए उत्तरी सिक्किम से संपर्क बहाल करने पर है, जो विनाशकारी बाढ़ के दौरान सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। सेना ने कठिन इलाकों से गुजरते हुए एक चुनौतीपूर्ण अभियान चलाया और चुंगथांग के उत्तर पश्चिम में राबोम के अलग-थलग गांवों तक पहुंचे और 150-200 लोगों को बचाया।
पर्यटकों और नागरिकों को निकाला
कोलकाता में रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता विंग कमांडर हिमांशु तिवारी के मुताबिक, भारतीय सेना पिछले पांच दिनों से बाढ़ के बाद कटे हुए इलाकों को जोड़ने में जुट गई है। सेना कटे हुए इलाकों और जहां सैनिक मौजूद नहीं हैं, वहां तक पहुंच, तत्काल संचार और संपर्क की बहाली, क्षति के आकलन और दीर्घकालिक पुनर्निर्माण की योजना बना रही है। उत्तरी सिक्किम के चाटेन, लाचेन, लाचुंग और थांगु के इलाकों में सभी पर्यटकों और स्थानीय लोगों की स्थिति का जायजा लिया गया है।
उन्होंने बताया कि 63 विदेशी नागरिकों सहित 2000 पर्यटकों की सूची तैयार की गई है और उनके लिए भोजन, चिकित्सा सहायता, आवास और टेलीफोन संपर्क से जुड़ी सहायता प्रदान की जा रही है। एक हेल्पलाइन स्थापित की गई है जिसके जरिए सभी पर्यटकों के रिश्तेदारों को पर्यटकों के बारे में सूचित किया जा रहा है। उन्हें निकाले जाने तक यह प्रयास जारी रहेगा। मौसम में सुधार के साथ आज 23 को पर्यटकों को निकाला गया।गांवों को जोड़ने का काम शुरू
भारतीय सेना ने उन गांवों को फिर से जोड़ने के लिए काम शुरू कर दिया है, जो कट गए हैं। सेना के जवानों ने आईटीबीपी और स्थानीय लोगों के साथ मिलकर चुंगथांग को पेंगोंग से जोड़ने वाले लाचेन चू पर एक लॉग ब्रिज को बना दिया है। सेना, बीआरओ और आईटीबीपी के जवान चुंगथांग की ओर से एक पैदल पुल को शुरू कर रहे हैं। चाटेन के लिए मार्ग खोलने के लिए सात अक्तूबर को विशेष टीमें गठित की गईं थीं। चाटेन और चुंगथांग की ओर से रवाना की गई टीमें खराब मौसम में भी कठिन इलाके से गुजरीं और आठ अक्तूबर की रात को रबोम गांव पहुंचीं। इस प्रकार एक पैदल संपर्क स्थापित किया गया है और क्षेत्र में फंसे 150-200 नागरिकों को सहायता प्रदान की जा रही है।
चुंगथांग में लोगों के भोजन की व्यवस्था के लिए गुरुद्वारे को राशन उपलब्ध कराया गया है। सभी स्थानों पर चिकित्सा सहायता प्रदान की जा रही है और अब तक 1500 से अधिक रोगियों का इलाज भारतीय सेना के डॉक्टरों द्वारा किया गया है।एक महीने का वेतन देंगे मुख्यमंत्री और विधायक
भारतीय सेना ने उन गांवों को फिर से जोड़ने के लिए काम शुरू कर दिया है, जो कट गए हैं। सेना के जवानों ने आईटीबीपी और स्थानीय लोगों के साथ मिलकर चुंगथांग को पेंगोंग से जोड़ने वाले लाचेन चू पर एक लॉग ब्रिज को बना दिया है। सेना, बीआरओ और आईटीबीपी के जवान चुंगथांग की ओर से एक पैदल पुल को शुरू कर रहे हैं। चाटेन के लिए मार्ग खोलने के लिए सात अक्तूबर को विशेष टीमें गठित की गईं थीं। चाटेन और चुंगथांग की ओर से रवाना की गई टीमें खराब मौसम में भी कठिन इलाके से गुजरीं और आठ अक्तूबर की रात को रबोम गांव पहुंचीं। इस प्रकार एक पैदल संपर्क स्थापित किया गया है और क्षेत्र में फंसे 150-200 नागरिकों को सहायता प्रदान की जा रही है।
कई जगह संचार बहाली के प्रयास जारी
आर्मी कोर के सिग्नलर्स चौबीस घंटे काम करके उत्तरी सिक्किम में संचार संपर्क बहाल करने के अपने प्रयास जारी रखे हुए हैं। इन प्रयासों के तहत, ओएफसी केबल को तीस्ता नदी के ऊपर एक नए स्थान पर पार किया गया है और रंगरंग से चुंगथांग तक ओएफसी आधारित संचार बहाल किया गया है। लाचुंग और लाचेन तक ओएफसी आधारित संचार बहाल करने के प्रयास चल रहे हैं, जिसके बाद बीएसएनएल के बीटीएस काम करना शुरू कर सकते हैं और उत्तरी सिक्किम में मोबाइल संचार बहाल किया जा रहा है।
आर्मी कोर के सिग्नलर्स चौबीस घंटे काम करके उत्तरी सिक्किम में संचार संपर्क बहाल करने के अपने प्रयास जारी रखे हुए हैं। इन प्रयासों के तहत, ओएफसी केबल को तीस्ता नदी के ऊपर एक नए स्थान पर पार किया गया है और रंगरंग से चुंगथांग तक ओएफसी आधारित संचार बहाल किया गया है। लाचुंग और लाचेन तक ओएफसी आधारित संचार बहाल करने के प्रयास चल रहे हैं, जिसके बाद बीएसएनएल के बीटीएस काम करना शुरू कर सकते हैं और उत्तरी सिक्किम में मोबाइल संचार बहाल किया जा रहा है।
इसके साथ ही सड़क सीमा संगठन (बीआरओ) के महानिदेशक और भारतीय सेना के वरिष्ठ इंजीनियरिंग अधिकारियों द्वारा पूरे राज्य में सड़क संचार बहाल करने की योजना और क्षति का आकलन पूरा कर लिया गया है। राज्य सरकार और सभी एजेंसियों के साथ कई बैठकें की गई हैं और टीम द्वारा जमीनी सर्वेक्षण किया गया है, जिनमें से कुछ में सिक्किम के मुख्यमंत्री पीएस तमांग स्वयं मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने पुनर्निर्माण कार्य के लिए भूमि की उपलब्धता, वन मंजूरी आदि के संदर्भ में सभी सहायता का आश्वासन दिया है।
चुंगथांग में लोगों के भोजन की व्यवस्था के लिए गुरुद्वारे को राशन उपलब्ध कराया गया है। सभी स्थानों पर चिकित्सा सहायता प्रदान की जा रही है और अब तक 1500 से अधिक रोगियों का इलाज भारतीय सेना के डॉक्टरों द्वारा किया गया है।एक महीने का वेतन देंगे मुख्यमंत्री और विधायक
सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग और सत्तारूढ़ सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) के सभी विधायक पिछले सप्ताह अचानक आई बाढ़ से तबाह हुए हिमालयी राज्य में बचाव, राहत और पुनर्निर्माण कार्यों के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष (सीएमआरएफ) में अपना एक महीने का वेतन देंगे। सिक्किम की 32 सदस्यीय विधानसभा में 19 विधायक एसकेएम के हैं।
तमांग ने सोमवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “हमारे प्यारे राज्य में आई उथल-पुथल और तबाही के इस चुनौतीपूर्ण दौर के दौरान, मैं यह बताना चाहता हूं कि मेरे सहित सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा पार्टी के मंत्री सिक्किम विधानसभा के माननीय सदस्य मुख्यमंत्री राहत कोष (सीएमआरएफ) में एक महीने के वेतन का सामूहिक दान करने के लिए एक साथ आए हैं। “