Israel Hamas war: ‘शुक्रवार’ को लेकर क्यों सचेत हैं सुरक्षा एजेंसियां, जंग के बीच भारत के कई राज्यों में अलर्ट

Israel Hamas war: ‘शुक्रवार’ को लेकर क्यों सचेत हैं सुरक्षा एजेंसियां, जंग के बीच भारत के कई राज्यों में अलर्ट

इस्राइल-हमास जंग के बीच जहां दुनियाभर के देशों की निगाहें ‘शुक्रवार’ पर टिकी हैं, तो वहीं भारत में भी 13 अक्तूबर के दिन विशेष सुरक्षा एहतियात बरती जाएगी। चूंकि देश में इस्राइल-हमास जंग पर लोगों में विभाजन देखने को मिल रहा है। सोशल मीडिया पर एक समुदाय विशेष से जुड़े लोग, हमास का समर्थन कर रहे हैं, जबकि दूसरा समुदाय इस्राइल के हक में अपनी बात कह रहा है। पश्चिम एशिया के कई देशों में शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन संभावित हैं। इसके मद्देनजर, भारत में भी एहतियात बरती जा रही है। दिल्ली एनसीआर, तेलंगाना, केरल, यूपी, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, जम्मू कश्मीर और कर्नाटक आदि राज्यों में सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं।

जुम्मे की नमाज के दिन विशेष एहतियात

केंद्र सरकार के विश्वस्त सूत्रों ने बताया, इस्राइल-हमास जंग के शुरू होने के बाद से ही देश में सिक्योरिटी एजेंसियां अलर्ट हैं। दिल्ली एनसीआर और दूसरे राज्यों में शुक्रवार को जुम्मे की नमाज के दिन विशेष एहतियात बरतने के लिए कहा गया है। कुछ ऐसे उग्र संगठनों पर भी नजर रखी जा रही है, जो कानून व्यवस्था की स्थिति को खराब कर सकते हैं। विभिन्न समुदायों के बीच भाईचारे की भावना को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर सकते हैं। नमाज के बाद लोगों को किसी एक स्थान पर एकत्रित नहीं होने दिया जाएगा। वहां पर किसी तरह के विरोध प्रदर्शन की भी मनाही होगी।

इस्राइली दूतावास के अधिकारियों की सुरक्षा बढ़ी

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने प्रतिबंधित संगठन पीएफआई की संदिग्ध गतिविधियों को लेकर बुधवार को दर्जनों स्थानों पर छापेमारी की है। जिन प्रदेशों में रेड हुई, उनमें उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और दिल्ली एनसीआर आदि भी शामिल हैं। गत वर्ष सरकार ने पीएफआई पर आतंकवाद विरोधी गैरकानूनी गतिविधियां अधिनियम (यूएपीए) के तहत प्रतिबंध लगा दिया था। केंद्रीय एजेंसियों को इस संगठन से जुड़े लोगों पर भी शक है कि वे शक्रवार को ‘हमास’ के समर्थन में प्रदर्शन कर सकते हैं। हालांकि ये छापेमारी एक पुराने केस के सिलसिले में मारी गई हैं। दिल्ली पुलिस ने इस्राइली दूतावास की सुरक्षा बढ़ा दी है। चांदनी चौक इलाके में भी पुलिस द्वारा निगरानी रखी जा रही है। अधिकारिक आवास के बाहर अतिरिक्त पुलिस तैनात की गई है। इस्राइली दूतावास के अधिकारियों के आवास के बाहर भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। नई दिल्ली के पहाड़गंज इलाके में यहूदियों के धार्मिक स्थल ‘चबाड़ हाउस’ पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

सोशल मीडिया पर रखी जा रही है नजर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस्राइल और हमास की जंग में भारत का रुख स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा, इस्राइल पर आतंकवादी हमला हुआ है। इस मुश्किल घड़ी में भारत, इस्राइल के साथ खड़ा है। इसके बाद सोशल मीडिया पर दो समुदायों के लोगों के बीच बहस छिड़ गई। इस मामले में भाजपा और कांग्रेस के स्टैंड को लेकर लोगों ने कई तरह के कमेंट कर दिए। भाजपा द्वारा खुले तौर पर इस्राइल का समर्थन किया जा रहा है। कांग्रेस की तरफ से नपा तुला बयान जारी किया गया। कांग्रेस ने एक्स पर लिखा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इस्राइल के निर्दोष नागरिकों पर हुए हमलों की कड़े शब्दों में निंदा करती है। कांग्रेस का सदैव मानना रहा है कि आत्म सम्मान, समानता और गरिमापूर्ण जीवन के लिए फलस्तीनी लोगों की वैध आकांक्षाओं को इस्राइल के वैध राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को सुनिश्चित करते हुए केवल बातचीत की प्रक्रिया के माध्यम से पूरा किया जाना चाहिए। किसी भी प्रकार की हिंसा कभी भी कोई समाधान नहीं दे सकती है और इसे रोकना चाहिए।

भारतीय नेताओं और अराफात के फोटो शेयर

सोशल मीडिया पर अटल बिहारी वाजपेयी का 46 साल पुराना एक वीडियो क्लिप जारी किया गया। उसमें वाजपेयी कह रहे हैं कि अरबों की जिस जमीन पर इस्राइल कब्जा करके बैठा है, वह जमीन उसको खाली करनी होगी। इतना ही नहीं, लोगों ने फिलिस्तीन मुक्ति संगठन (पीएलओ) के मुखिया रहे यासिर अराफात के भारतीय नेताओं इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के साथ फोटो एवं वीडियो शेयर किए। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, फिलिस्तीनी नेता यासिर अराफात को राखी बांधती थीं। वे भी इंदिरा गांधी को अपनी बहन मानते थे। यासिर अराफात को शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। सोशल मीडिया पर लोग कमेंट लिख रहे थे कि पहले भारत, फिलिस्तीन का समर्थन करता था। अब भारत, इस्राइल के हक में आवाज बुलंद कर रहा है। भारत में इस्राइल के राजदूत नाओर गिलोन ने भी कहा, भारत के भीतर से इस्राइल को जोरदार समर्थन मिल रहा है। इसे लेकर वे शुक्रगुजार हैं।

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