समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सीएम अखिलेश यादव सोमवार को देवरिया पहुंचे। वह फतेहपुर गांव में हुए सामूहिक हत्याकांड में पहले सत्यप्रकाश दूबे के घर गए। वहां उन्होंने पहले पहले नरसंहार में मारे गए दूबे परिवार के पांचों मृतकों के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वह घर के अंदर पहुंचे और वहां बिखरे सामान आदि को देखकर वह हैरान रह गए।इसके बाद अखिलेश यादव अभयपुर टोला स्थित पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद यादव के घर पहुंचे। वहां मृतक पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम यादव के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इसके बाद प्रेम की पत्नी शीला और दो बेटियों मौजूद रहीं। अखिलेश यादव ने उन्हें ढांढस बंधाया।अखिलेश यादव ने कहा कि शासन और न्याय के लिहाज से यह बहुत ही महत्वपूर्ण है और जिस तरह की यह घटना हुई है, हम सभी लोग मिलकर इस घटना की निंदा करते हैं। ऐसी दर्दनाक घटना पूरे यूपी में कभी देखने को नहीं मिली। इधर ऐसी घटनाएं नहीं हुई थी। इस तरहका घटना क्रम हो कि एक साथ इतने लोगों की जान चली जाए।पूर्व सीएम ने कहा कि जिस समय घटना हुई, उसके बाद सभी टीवी चैनल जानकारी देना शुरू कर दिया। इसके बाद डिस्ट्रीक मजिस्ट्रेड का बयान सुना, जिसमें उन्होंने कहा कि पहली घटना होने के बाद दूसरी घटना हुई है। इससे यह घटना शासन प्रशासन के लिए महत्वपूर्ण बन जाता है क्योंकि अभी तक जो सरकार जीरो टोलरेंस की बात करती थी तो इतनी बड़ी घटना कैसे हो गई? उसकी सच्चाई अभी तक सामने लेकर नहीं आ पाए हैं।उन्होंने कहा कि प्रेम यादव का मरना, उन्हें घर बुलाना, उसके बाद किसी धारदार हथियार से जान ले लेना। उसके बाद आसपास के क्षेत्र में यह बात फैल जाना कि उनकी हत्या हो गई और उसके बाद यह घटना हुई। मैं मौके पर घटना स्थल पर गया हूं और देखा हूं। उस परिवार के रहने का मैं घर देखकर आया हूं, वो घर और यह घर जहां प्रेम का घर है। दोनों दूर हैं, आखिर किन परिस्थितियों में उन्हें वहां जाना पड़ा? क्या वजह थी कि वह सुबह-सुबह वहां पहुंच गए?उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी जाति के नाम पर राजनीति कर रही है। बुलडोजर को घर से गिराने की बात कहकर डरना चाहते हैं, सवाल आपकी नियत का है, मदद दोनों पक्षों की जाए। बुलडोजर जनता चलाने नहीं देगी। यह घटना बहुत ही दुखद है।
अखिलेश यादव ने कहा कि मैं मानता हूं डीएम ने जो बात कही कि रिटेलिएशन में घटना हुई। प्रेम यादव की जान नहीं जाती तो किसी की जान नहीं जाती। आखिरकार सरकार क्यों इस बात को छुपाना चाहती है कि प्रेम यादव को बुलाकर के मारा और किसने मारा। आप बताइए क्या सुल्तानपुर में एक ब्राह्मण डॉक्टर को ड्रिल से नहीं मार दिया, क्या उनके परिवार के बच्चों को आपने गले लगाया?”
उन्होंने कहा कि सुरक्षा का मतलब ये थोड़ी है कि घर को परिवार को कैद कर दो, गाड़ी उठा ले जा यहां से। ये परिवार अगर पढ़ेगा, लिखेगा, जो सहायता चाहेगा मैं करूंगा। वो परिवार नहीं मिलना चाहता वो उसकी भावना है, हो सकता है उसके बेटे की भावना ना भी हो, कुछ नेता है जो उसको समझा रहे होंगे। जब बुलडोजर से किसी की मां बेटी को जला दिया गया आप उस परिवार से मिलने नहीं गए, उस बेटे को सरकार ने ठंड में नंगा किया था, मैं तो कहता हूं उस बेटे से क्यों नहीं मिलते हो जाकर। मैं आर्थिक सहायता इस परिवार की और अगर वो परिवार कहेगा तो उस परिवार की भी करूंगा।