SC: ‘प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए कल का इंतजार नहीं कर सकते’, राज्य की सरकारों को शीर्ष अदालत की नसीहत

SC: ‘प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए कल का इंतजार नहीं कर सकते’, राज्य की सरकारों को शीर्ष अदालत की नसीहत

दिल्ली-एनसीआर समेत कई राज्यों में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण को कम करने के लिए तुरंत कई फैसले लेने होंगे। इसके साथ ही उन्होंने पंजाब में भूजल पर भी चिंता जताई।रेगिस्तान नहीं बनने देना है
शीर्ष अदालत ने पंजाब में घटते भूजल पर कहा कि राज्य में लगातार पानी का स्तर कम होता जा रहा है। हम वहां एक और रेगिस्तान नहीं बना सकते हैं। राज्य में धान की खेती को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की आवश्यकता हैइसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह चाहता है कि खेतों में पराली जलाना बंद हो। न्यायाधीश संजय किशन कौल ने कहा, ‘हमने एक कार्यप्रणाली का सुझाव दिया है, आप जो चाहें वैसा करें, लेकिन खेतों में पराली जलाने की घटनाओं को रोका जाना चाहिए। खेतों में पराली जलाने से रोकने के लिए कुछ आपातकालीन उपायों की जरूरत है।’

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और पंजाब सरकार से पूछा कि वे पंजाब में जल स्तर को सही करने के लिए धान को धीरे-धीरे हटाने के लिए उपाय के रूप में क्या कदम उठा रहे हैं।

भगवान से करें प्रार्थना
आज बारिश होने पर न्यायाधीश कौल ने कहा कि लोगों को सिर्फ प्रार्थना करना चाहिए कि बारिश होते रहे। कभी हवा चलने तो कभी बारिश होने से राहत मिलेगी। उन्होंने आगे कहा कि शायद भगवान ने लोगों की प्रार्थनाओं को सुना होगा इसलिए बारिश हो गई। इसमें सरकार का कोई योगदान नहीं है।

पंजाब में किसान बहुत अच्छी तरह से संगठित
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसान भी समाज का हिस्सा हैं और उन्हें अधिक जिम्मेदार होना होगा और हमें उनकी जरूरतों के प्रति अधिक उत्तरदायी होना होगा। लेकिन लोगों को मरने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पंजाब में किसान बहुत अच्छी तरह से संगठित हैं और सरकार से पूछा कि वह किसान निकायों से बात क्यों नहीं करती है। उन्हें बढ़ावा क्यों नहीं देती है। प्रदूषण का स्तर कम होना चाहिए, कल का इंतजार नहीं किया जा सकता। 

दिल्ली सरकार को नसीहत
वहीं, दिल्ली सरकार ने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ऑड-ईवन पर नीति को अंतिम रूप दिया जाएगा। इस पर शीर्ष अदालत ने फटकार लगाई कि इसके काम न करने पर इसे अदालत पर डालने की कोशिश मत करना।

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