जिला कारागार में सात साल की सजा काट रही डाॅ. तजीन फात्मा से मिलने के लिए आजम की बहन और भांजा पहुंचा। जेल प्रशासन ने उन्हें मुलाकात की इजाजत नहीं दी। हालांकि, आजम के बेटे अदीब ने अपनी मां से मुलाकात की। आधे घंटे तक चली मुलाकात के बाद वे जेल से बाहर आए।बेटे के दो जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के मामले में सपा नेता आजम खां, उनकी पत्नी डाॅ. तजीन फात्मा और बेटे अब्दुल्ला आजम को कोर्ट ने सात साल की सजा सुना चुनाई है। तजीन रामपुर, आजम सीतापुर और अब्दुल्ला हरदोई जेल में बंद हैं। शनिवार को जिला कारागार में डाॅ. तजीन फात्मा से मिलने के लिए उनके बड़े बेटे अदीब आजम, ननद निकहत बेगम और भांजे फरहान खां पहुंचे थे।जेल प्रशासन ने अदीब को तो मिलने की इजाजत दे दी, लेकिन ननद और भांजे को मिलने से रोक दिया। जेल प्रशासन ने उन दोनों का पुलिस वेरीफिकेशन न होना बताया। भांजे फरहान ने कहा कि वह तजीन के मुकदमों के पैरोकार भी हैं, इसलिए मिलने की इजाजत मिलनी चाहिए। साथ ही उनका रिश्ता भी है।मगर, जेल प्रशासन ने मनमानी करते हुए उन्हें नहीं मिलने दिया। इसके बाद वो वापस लौट आए। हालांकि, अदीब अपनी मां से करीब आधे घंटे तक मिले और बातचीत की। इसके बाद जेल से बाहर आए।
हर किसी को मिलने की इजाजत नहीं
जेल अधीक्षक प्रशांत मौर्य ने कहा कि डॉ. तजीन फात्मा संवेदनशील कैदी हैं। इसलिए उनके मामले में सतर्कता बरती जा रही है। डाॅ. तजीन की ओर से परिवार के 10 लोगों की सूची दी गई है। इसी सूची के अनुसार ही उनकी मुलाकात कराई जा रही है।
यदि कोई इस सूची से बाहर का व्यक्ति मिलने आता है तो उसका पुलिस वेरिफिकेशन कराना होता है। इस सूची केवल अदीब का ही नाम था। तो उनकी मुलाकात कराई गई। अन्य दोनों लोगों का नाम नहीं था तो उन्हें नहीं मिलने दिया गया।