UP: संदिग्धों का सुरक्षित ठिकाना बना ये जिला, कई बार पकड़े गए हैं देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त संदिग्ध

UP: संदिग्धों का सुरक्षित ठिकाना बना ये जिला, कई बार पकड़े गए हैं देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त संदिग्ध

उत्तर प्रदेश का सहारनपुर जनपद जनपद संदिग्धों का सुरक्षित ठिकाना रहा है। यहां से कई बार आतंकी, बांग्लादेशी और रोंहिग्या पकड़े गए हैं। खासबात है कि स्थानीय पुलिस और खुफिया विभाग हमेशा फेल नजर आता है। एटीएस या फिर बाहर के जिलों की पुलिस यहां आकर ही कार्रवाई करती है।सहारनपुर लंबे समय संदिग्धों का सुरक्षित ठिकाना बना है। यहां रहते हुए संदिग्धों ने भारतीय नागरिकता तक के दस्तावेज भी बनवा लिए थे। संदिग्ध कई-कई वर्षों सहारनपुर में रहते रहे। रविवार की रात कमेला और एकता कॉलोनी से पकड़े गए रोहिंग्या भी यहां आठ वर्षों से रह रहे थे।

इससे पूर्व एकता कॉलोनी से बांग्लादेशी पिता-पुत्रों को एटीएस ने पकड़ा था, जो 20 वर्षों से सहारनपुर में रहे थे। आरोपी बांग्लादेशियों को यहां लाकर बसाने का कार्य करते थे। इस मामले में भी स्थानीय पुलिस और खुफिया विभाग कोई भनक नहीं लगी थी। चार दिन पूर्व भी देवबंद से दो बांग्लादेशी पकड़े जा चुके हैं। ऐसे कई मामले में आए दिन सामने आते रहते हैं।

जिले में हुई प्रमुख कार्रवाई
-चार दिन पूर्व दो बांग्लादेशियों को देवबंद से एटीएस ने पकड़ा।
-12 अगस्त 2022 में एटीएस ने जैश-ए-मुहम्मद और तहरीक-ए-तालिबान का आतंकी मुहम्मद नदीम को कोतवाली गंगोह क्षेत्र के गांव कुंडाकला से पकड़ा।
-फरवरी 2021 में थाना कुतुबशेर क्षेत्र की एकता कॉलोनी में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी पिता-पुत्र को एटीएस ने पकड़ा था। दोनों आरोपी 20 साल से ठिकाने बदलकर सहारनपुर रहे।

-दो वर्ष पूर्व देवबंद से जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शाहनवाज तेली निवासी कुलगाम (जम्मू-कश्मीर) और आकिब अहमद मलिक निवासी पुलवामा की गिरफ्तारी हुई।
-2019 में देवबंद से पांच बांग्लादेशी पकड़े गए।

-2016 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीमों ने सहारनपुर रेलवे स्टेशन के बाहर से हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी एजाज शेख को पकड़ा।
-2010 में पाकिस्तानी जासूस शाहिद उर्फ इकबाल भट्टी को पटियाला पुलिस ने हकीकतनगर से गिरफ्तार किया, जो देवराज सहगल के नाम से यहां आठ वर्षों से रहा रहा था। इसने भारतीय नागरिकता भी प्राप्त कर ली थी।

-अयोध्या में हुए बम विस्फोट में तीतरों निवासी डॉ. इरफान को पकड़ा गया।
-2001 में आतंकी गतिविधियों के चलते मुफ्ती इसरार को पकड़ा गया।

-1994 में तीन ब्रिटिश नागरिकों को बंधक बनाकर आतंकियों ने खाताखेड़ी में रखा था। इन्हें छुड़ाने के लिए हुई मुठभेड़ में इंस्पेक्टर ध्रुवलाल यादव शहीद हुए थे।
-किफायत उल्लाह उर्फ जाफर अहमद उर्फ अताउरर्हमान मोहल्ला कस्साबान सरसावा का रहने वाला था, जो बाद में जम्मू-कश्मीर चला गया था, फिर आतंकी संगठन हूजी का चीफ बना था।

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