Hati Tribal Bill: पांच दशक लंबा संघर्ष लाया रंग, हाटी बिल राज्यसभा से भी पारित

Hati Tribal Bill: पांच दशक लंबा संघर्ष लाया रंग, हाटी बिल राज्यसभा से भी पारित

हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के हाटी समुदाय का पांच दशकों लंबा शांतिपूर्ण संघर्ष आखिरकार रंग लाया। बुधवार को समुदाय को जनजाति का दर्जा देने का बिल राज्यसभा से भी पास हो गया। यह बिल लोकसभा में बीते वर्ष 16 दिसंबर को पारित हुआ था। अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हस्ताक्षर के बाद जिले के चार विधानसभा क्षेत्रों की 154 पंचायतों के दो लाख लोगों को उनका जनजातीय सांविधानिक अधिकार मिल जाएगा।केंद्रीय जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने दोपहर बाद राज्यसभा में बिल पेश किया। दो घंटे चर्चा के बाद अपराह्न 4:00 बजे के आसपास बिल पारित हो गया। राज्यसभा से बिल पारित होते ही सिरमौर के ट्रांसगिरि इलाके में खुशी की लहर दौड़ गई है। बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, सांसद सुरेश कश्यप, पूर्व विधायक बलदेव तोमर, विधायक रीना कश्यप और पूर्व मंत्री सुखराम चौधरी के प्रयासों से इस मामले में एथनोग्राफिक रिपोर्ट शोध संस्थान के गठन के बाद केंद्र को भेजी थी। भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा देने का वादा किया था, जिसे भाजपा सरकार ने पूरा कर गिरिपार के हाटी समुदाय को उनका अधिकार दिया है।

ये रहे मुख्य पहलू
– वर्ष 2021 में तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हाटी समुदाय की एथनोग्राफिक रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी
– 13 अप्रैल, 2022 को रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया ने समुदाय को जनजाति घोषित करने की मांग को स्वीकृति दी
– 14 सितंबर, 2022 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने समुदाय को जनजाति का दर्जा देने की मंजूरी दी
– 9 दिसंबर को केंद्रीय जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने बिल लोकसभा में प्रस्तुत किया, जिसे 16 दिसंबर को लोकसभा ने पारित किया।
– 26 जुलाई को राज्यसभा में बिल केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने दोपहर बाद प्रस्तुत किया जो अपराह्न 4:00 बजे पारित हो गया।

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